नई दिल्ली: जिस तरह से गर्मी बढ़ती जा रही जा रही है एयर कंडीशनर का प्रयोग भी बढ़ता जा रहा है। शायद ही ऐसा कोई मकान या कंपनी हो जहां पर एसी का प्रयोग न किया जा रहा है। यह एसी आपके मकान को तो पूरी तरह से ठंडा कर देते है। लेकिन पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचाते है। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। एसी से ऐसी गर्म हवा बाहर निकलती है जो बर्दाश्त के बाहर होती है। इनके संपर्क में आने वाले पेड़ पौधे भी सूख जाते है।
बिजली के एसी से पीछा छुड़ाने के लिए मिट्टी के एसी एक विकल्प बन सकते है। मिट्टी के एसी न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुचांएगे। बल्कि आपके घर के तापमान को सात से आठ डिग्री कम कर देंगे। दिल्ली के आर्किटेक्ट मोनीष (monish) ने इन एसी को तैयार किया है।मोनीष बताते है कि वह मिट्टी के एसी बनाने के लिए टेरोकोटा मिट्टी (terracotta mud ) का प्रयोग करते है। वह इस एसी में भी रियल एसी जैसे ही सिद्वांत लागू किए जाते है। लेकिन हम इस एसी पर पाइप के द्वारा पानी डालकर हवा को ठंडा करने का काम करते है। एसी को एक कंपनी में लगाया भी जा चुका है। यह एसी न सिर्फ आपके कमरे को न सिर्फ ठंडा करते है बल्कि पर्यावरण का ख्याल भी रखते है।मोनीष बताते है कि मार्डन एसी न सिर्फ आपकी बिजली खर्च को बढ़ा रहे है बल्कि पर्यावरण को तेजी से नष्ट कर रहे है।
वह बताते है कि कुल बिजली 50 प्रतिशत केवल एसी को चलाने में खर्च होता है। वह बताते है कि कूलर के सामने यह मिट्टी के एसी तैयार करते है। कूलर से जाने वाले हवा इन मिट्टी के एसी से निकलकर जाती है। वह कहते है कि पहला एसी ऐसी फैक्ट्री में लगाया गया जहां डीजल की खपत अधिक थी। जिससे तापमान बढ़ जाता था। ऐसे में मिट्टी का एसी तापमान को कम करने में मदद करता है।