चंडीगढ़ : बता दें कि हरियाणा में कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। खबर आ रही हैं कि इस बार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने करीब 3 हज़ार एकड़ जमीन विकसित करने के साथ साथ 11 हज़ार करोड़ का राजस्व इकट्ठा करने का भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। इतना ही नहीं अब सरकार की ओर से हरियाणावासियों के लिए कई परियोजनाओं को भी शुरू किया जाने वाला है। बताया जा रहा है कि एचएसवीपी इस बार किसानों को 6 हज़ार करोड़ का भुगतान करेगा।
वहीं पिछले साल प्राधिकरण ने चार हज़ार करोड़ का भुगतान किसानों को किया था। इसके अलावा भी कई जिलों में जमीन देने की भी स्वीकृति दी गई है। हिसार, फ़रीदाबाद, करनाल, गुरुग्राम और हांसी में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को चेरिटेबल भवन बनाने के लिए भी सरकार द्वारजमीन दी जाने वाली है। वहीं आईआईएम रोहतक के गुरुग्राम विस्तार पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।
2223 करोड़ की लागत से पूरी होंगी कई परियोजनाएं
बता दें कि पूरे एक साल बाद हाल ही में एचएसवीपी की 123वीं बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता सीएम मनोहर लाल खट्टर ने की। इस दौरान ही सीएम ने भविष्य की कई परियोजनाओं के बारे में चर्चा की और अधिकारियों को उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए। बताया जा रहा है कि इस साल विकसित की जाने वाली जमीन पर 2223.90 करोड़ की लागत से कई परियोजनाओं को पूरा किया जाना है।
जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत राजीव कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी और खड़क मंगोली स्लम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी रिहायशी आवास देने की बात कही जा रही है। फ़रीदाबाद के सेक्टर 78 में भी इंटरनेशनल कन्वेन्शन सेंटर का निर्माण किया जाने वाला है। सीएम ने इस दौरान ये भी बताया कि एचएसवीपी की ई ऑक्शन पॉलिसी पारदर्शी है। इसके साथ साथ एचएसवीपी को इन्फोर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा एक एक प्रॉपर्टी का ब्योरा रखने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
अब हर चार महीने में होगी प्राधिकरण की बैठक
सीएम द्वारा अब एचएसवीपी को डैशबोर्ड तैयार करने का भी आदेश दिया गया है। वहीं अब प्राधिकरण की बैठक भी हर चार महीने में ही आयोजित की जाने वाली है। बताया जा रहा है कि किसानों की जमीन अधिग्रहण से लेकर उन्हें मुआवजा देने का काम भी काफी अच्छे से किया गया है। वहीं जो भी जमीन चेरिटेबल भवन के लिए दी जाने वाली है उसके बाहर शुल्क अदा कर दुकान भी विकसित की जा सकती है। वहीं इसके लिए मंजूरी भी लेनी जरूरी है।