चंडीगढ़ : आज के समय में ओवर स्पीड की समस्या भी काफी बढ़ गई है। कई लोग हाइवे पर भी ओवर स्पीड में गाड़ी वाहन चलाते हैं जिससे कभी कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। लेकिन अब सरकार ओवर स्पीड समस्याओं पर रोक लगाने का पूरा प्रयास कर रही है। बता दें कि अब कई हाइवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया है इसलिए जो लोग हाइवे पर भी तेज वाहन चलाते हैं उन्हें भी सावधान हो जाने की जरूरत है।
हाल ही में नेशनल हाइवे 44 जीटी रोड पर भी सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अब जो लोग ओवर स्पीड करेंगे उनके घर पर ही चालान पहुँच जाएगा। लेकिन सरकार के इस फैसले से अब हाइवे पर दुर्घटना कम होंगी और ओवर स्पीड पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
इस हाइवे पर लगाए जा रहे एचडी सीसीटीवी कैमरे
आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो हाइवे पर तय सीमा से ज्यादा तेज वाहनों को चलाते हैं जिससे उन्हें तो खतरा होता ही है साथ ही साथ वे दूसरे के लिए भी खतरनाक बन जाते हैं। लेकिन अब इस पर रोक लगाने का काम तेजी से चल रहा है। नेशनल हाइवे 44 जीटी रोड पर अब 105 से ज्यादा की स्पीड पर गाड़ी चलाना काफी महंगा पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि अंबाला के शंभू बॉर्डर से सोनीपत कुंडली बॉर्डर तक 20 जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
ये सभी कैमरे भी एचडी लगाए गए हैं। इस 186 किमी के सफर में करीब 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिंका ट्रायल भी अब शुरू हो चुका है। इसका ट्रायल 31 मई तक चलेगा। इस बारे में खुद यातायात एवं हाइवे आईजी डॉ. राजश्री सिंह ने ही जानकारी दी है। उनके मुताबिक ट्रायल होने के बाद जून में रिपोर्ट तैयार की जाने वाली है। वहीं उन्होंने उम्मीद भी जताई कि इस फैसले के बाद ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
सीधा घर पर पहुंचेगा चालान
बता दें कि इस मार्ग पर हाई डेफ़िनेशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। निर्धारित स्पीड से ज्यादा गति होने पर कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन कर लेंगे और उसका चालान भी घर पर पहुँच जाएगा। कैमरों में स्पीड रडार और नंबर प्लेट स्कैनर भी लगाया गया है। ये कैमरे रात के समय और धुंध में भी साफ तस्वीर लेने में सक्षम है। बताया जा रहा है कि ये कैमरे 15 करोड़ की लागत से लगने वाले हैं। इसके लिए बड़ा कंट्रोल पैनल भी तैयार किया जाएगा इसे पुलिस कंट्रोल पैनल से भी जोड़ा जा सकता है।