नई दिल्ली : दिल्ली में केजरीवाल सरकार महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए तरह तरह के कदम उठा रही है। पहले बसो में महिलाओं के लिए सीटों को आरक्षित किया गया। इसके अलावा महिलाओं के लिए बस में फ्री यात्रा का भी प्रावधान किया गया। अब दिल्ली सरकार ने मेट्रो को कुछ ई रिक्शा दिए है। लेकिन सरकार ने मेट्रो प्रबंधन के सामने यह शर्त रखी है कि इनको केवल महिला चालक ही चलाएगी।
महिला टैक्सी ड्राइवरों के संपर्क में सरकार
दिलली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह महिला ट्रैक्सी ड्राइवरों के संपर्क में है। वह गैर सरकारी संगठनों से भी बातचीत कर रहे है। सार्वजनिक परिवहन बसों, टैक्सी, ई आटो को चलाने और महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए 33 प्रतिशत ई आटो आरक्षित किए गए है। वहीं डीटीसी को चलाने के लिए ऊंचाई प्रतिबंधों में ढील दी गई है। इस नई पहल में ई आटो का सह पंजीकरण भी शामिल किया गया है। जिसके तहत एग्रीगेटर या कंपनी पंजीकरण धारक के साथ संयुक्त रूप से कंपनी के मालिक हो सकते है।
महिलाएं किश्तों में कर सकती है भुगतान
महिलाएं ई आटो का किश्तों में भुगतान कर सकती है। इससे उनके परिवार पर भी किसी तरह का बोझ नहीं पड़ेगा। वह कुछ सालों बाद ई आटो की मालिक भी बन सकती है। केजरीवाल सरकार के इस कदम से कामकाजी महिलाएं काफी खुश नजर आ रही है। उनका कहना है कि इससे महिला आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। डीएमआरसी ने यात्रियों की संख्या को बढ़ाने के लिए मेट्रो के कोच का डिजाइन बदला है। ताकि यात्रियों की संख्या अधिक हो सके। पहले मेट्रो के कोच में 100 से 150 यात्री ही सफर कर सकते थे। लेकिन अब डिजाइन बदलने के बाद 350 यात्री इसमें सफर कर सकते है। अब पहले ही तुलना में अधिक लोग खड़े हो सकते है। अब मेट्रो के आठ कोच में 2800 यात्री सफर कर सकते है।
मेट्रो के कोच का डिजाइन बदला
मेट्रो रेल का डिजाईन बदलने से जहां दिल्ली में सवारी करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा, वहीं एनसीआर और हरियाणा के लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। दिल्ली मेट्रो में सवारी करने वाले लोगों में काफी अधिक संख्या एनसीआर और हरियाणा से आने वाले लोगों की भी होती है। मेट्रो रेल के इस नए डिजाईन के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी और पहले से अधिक संख्या में लोग सवारी कर सकेंगे। बताया गया है कि इस नए योजना के बाद यात्रियों अधिक संख्या में सवारी कर मेट्रो रेल का लुफ्त उठा सकेंगे।