विनोद खन्ना आज किसी पहचान के मौहताज नहीं है। हर कोई उन्हें खूब पसंद करता है। बेशक आज विनोद हमारे बीच नहीं हैं लेकिन दर्शक आज भी उन्हें खूब प्यार करते हैं। एक समय था जब विनोद अपने स्टारडम से अमिताभ को भी टक्कर दिया करते थे। हालांकि माना जाता है कि यदि विनोद खन्ना सन्यास नहीं लेते तो वे भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में और भी आगे निकल जाते। विनोद के सन्यास लेने की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया था।
विनोद ने उस समय सन्यास लेने का फैसला किया था जब उनका करियर पीक पर था। माना जाता है कि विनोद इस समय रजनीश ओशो से काफी प्रभावित हो गए थे। ओशो की एक कहानी सुनने के बाद ही विनोद ने सन्यास लेने का मन बनाया था। आज भी ये किस्सा सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता है।
हम जानते हैं कि विनोद खन्ना को बॉलीवुड के सुपरस्टार्स की लिस्ट में ही शामिल किया जाता है। बताया जाता है कि अपने पिता के खिलाफ जाकर ही विनोद ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। वहीं विनोद को बचपन से ही साधू संतों के पास बैठना और उनकी बातें सुनना अच्छा लगता था। एक बार विनोद के दोस्त महेश भट्ट ने ही उन्हें ओशो के पास जाने की सलाह दी।
ऐसे में विनोद भी ओशो की कहानियों की कैसेट ले आए। इस कैसेट में ही एक कहानी थी ज्सिमें पुलिस गुरु को चोर समझकर जेल ले जाते हैं। ऐसे में गुरु किसी का विरोध नहीं करते और कहते हैं जैसी उसकी मर्जी। इसके बाद गुरु जेल में ध्यान करने लगते हैं और कैदी भी उनके साथ ध्यान करने लगते हैं। इसी बीच पुलिस वालों को पता चलता है कि गुरु निर्दोष हैं।
इसमें गुरु कहते हैं कि हमें समग्रता से काम करना होगा तभी हम कोठरी से बाहर आ पाएंगे। इसी बात को सुन विनोद ओशो के पास पहुँच गए और सन्यास ले लिया। यहाँ रहकर वे आश्रम की देखभाल भी करते थे। लेकिन कुछ साल बाद उनका मन नहीं लगा और वे वापस घर आ गए। वापस आने के बाद विनोद ने इंडस्ट्री में काम भी करना शुरू किया और उन्होंने सबसे पहले इंसाफ में काम किया जो सुपरहिट रही। इसके बाद लगातार विनोद कई सुपरहिट फिल्मों में नज़र आए और अपनी वापस से पहचान बनाई।