Delhi: हम जानते हैं कि एक समय ऐसा था जब दुनिया में आधुनिक चीज़ें नहीं हुआ करती थी। पहले चीजों को काफी लंबे समय तक स्टोर करने के लिए आधुनिक तकनीकों का नहीं बल्कि पुरानी पद्धतियों का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन आज के समय में ये वैज्ञानिक तकनीक फेल होती हुई नज़र आ रही हैं। जितना इनके फायदे हैं उससे कई ज्यादा इनके नुकसान भी हैं। लेकिन अब एक बार वापस से पुरानी पद्धतियों को याद किया जा रहा है।
हम जानते हैं कि आज के समय में चीजों को स्टोर करने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल किया जाता है ताकि फल सब्जियाँ ताजी रहें। लेकिन हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है जिसमें बताया जा रहा है कि आखिर कैसे पुराने समय में फलों को ताजा रखा जाता था और 6 महीने तक स्टोर भी किया जा सकता है।
मिट्टी के बर्तनो का होता है उपयोग
हम जानते हैं कि पुराने समय में उपकरण नहीं हुआ करते थे और देसी तरीके से ही सभी कामों को किया जाता था। जहां अब के जमाने में चीजों को ताजा करने के लिए फ्रिज का उपयोग किया जाता है वहीं पुराने समय में फ्रिज भी नहीं होता था। पहले के समय की दिक्कतों को देखते हुए ही कई उपकरण भी बनाए गए। विज्ञान ने भी काफी तरक्की कर ली है। लेकिन माना जाता है आज भी पुरानी तकनीक नई तकनीकों को मात दे रही है। आज भी कई लोग इन्हीं तकनीकों का उपयोग भी करते हैं।
आज के समय में तो घर में फल सब्जियों और अन्य समानों को ताजा रखने के लिए फ्रिज का उपयोग किया जाता है। लेकिन पुराने समय में ऐसे नहीं हुआ करता था। पहले समय में मिट्टी के बर्तनों में ही फल और सब्जियों को सुरक्शित रखा जाता है। बताया जाता है कि इसके लिए मिट्टी के पात्र बनाए जाते थे जिसमें फल 6 महीने तक सुरक्षित रहते थे। आज भी कई जगह पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
Kanjna preservation technique from Afghanistan.Fruits can be preserved up to 6 months in airtight mud straw pots. Invented hundreds of years ago, see how grapes look after 6 months.
Interesting…
VC:Mohammed Futurewala pic.twitter.com/QZif5Umjhm— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) April 18, 2022
अफगानिस्तान की तकनीक से फल रहते थे सुरक्षित
बता दें कि एक खास पद्धति के द्वारा ही फलों को कई महीनों तक सुरक्षित रखा जाता था। बताया जाता है कि ये पद्धति भी अफगानिस्तान से आई थी। इस पद्धति को कगीना का नाम दिया जाता है। वहीं ये पद्धति अफगानिस्तान की सैकंडो साल पुरानी पद्धति बताई जाती है।हम जानते हैं कि फ्रिज में कई तरह की गैस बाहर निकलती हैं जिससे वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। लेकिन इस पद्धति से ऐसा कुछ भी नहीं होता था।
मिट्टी से ही पुराने समय में खास फ्रिज बना लिया जाता था जिससे आसानी से 6 महीनो तक फलों को सुरक्षित रखा जा सकता था। इसमें एक मिट्टी और भूसे से बने पात्र में फलों को रख दिया जाता था और उसे मिट्टी से ही बंद कर दिया जाता था। ऐसे 6 महीनों तक फलों को सुरक्षित रखा जा सकता था। वहीं इससे फलों के स्वाद और गुणवत्ता पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
बता दें कि अफगानिस्तान की इस पुरानी पद्धति कगीना को लेकर आईएफ़एस अफसर सुशांत नन्दा ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एको वीडियो साझा की है जिसमें इस पद्धति के बारे में अच्छे से समझा जा सकता है। इसमें देखा जा सकता है कि मिट्टी से बना हुआ एक पात्र है जिसमें अंगूरों को कुछ महीने पहले रखा गया था जिन्हें जब बाहर निकाला गया तो वे सुरक्षित थे। ये वाकई हैरान कर देने वाला था। सभी अंगूर ताज़े थे और गुणवत्ता भी काफी अच्छी थी।
अफसर ने बताया है कि इस तकनीक में बिजली का भी इस्तेमाल नहीं होता है और आसानी से चीजों को सुरक्षित भी रखा जा सकता है। अफगानिस्तान के लोग भी इसी पद्धति का इस्तेमाल किया करते थे। बताया जाता है कि ये पात्र एको ज़िपबैग की तरह ही काम करता है जिससे वे हवा और पानी के संपर्क में नहीं आता है और सुरक्षित भी रहता है। इसमें पैक उत्पाद पर बाहरी वातावरण का प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि अब इस तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्यूंकि पहले से ही कई उपकरण बाज़ार में आ चुके हैं।