Delhi: हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल निगम का 28वां स्थापना दिवस मनाया गया है। जिसमें कई परियोजनाओं को लेकर भी बातचीत की गई। इस कार्यक्रम में ही राजधानी में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को अच्छा बनाने पर ज़ोर दिया गया है। इसके लिए सभी सार्वजनिक परिवहन को आपस में जोड़ने की बात भी कही गई है। इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर यातायात सुविधाओं को मुहैया कराना है।
इस मामले में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी के कहा है कि मेट्रो, रेलवे स्टेशनों, बस सुविधाओं और रैपिड ट्रांसिट सिस्टम के इंटीग्रेशन के लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाने वाला है। इस कमेटी में दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं। वहीं अब मेट्रो को बस सुविधाओं से जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है।
दिल्ली की सड़कों को वाहनों का दबाव होगा कम
बता दें कि दिल्ली मेट्रो और बाकी यातायात साधनों के बीच तालमेल बिठाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके। हाल ही में डीएमआरसी के 28वें स्थापना दिवस पर इसी को लेकर कई चर्चाएं भी की गई हैं। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी मेट्रो और डीटीसी के बीच बेहतर तालमेल होने की जरूरत को महसूस किया है। उनके मुताबिक यदि मेट्रो को 10 हज़ार बसों से जोड़ा जाए तो दिल्ली की सड़कों पर भी वाहनो का दबाव काफी कम हो जाएगा।
वहीं इससे पर्यावरण को भी काफी लाभ मिलने वाला है। बताया जा रहा है कि 2007 में भी डीटीसी और मेट्रो के इंटीग्रेशन का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन इस पर काम नहीं हो सका था। अधिकारी के मुताबिक यदि लास्ट माइल कनेक्टिविटी बेहतर और विश्वास करने योग्य होगी तो लोग जरूर निजी वाहनों को छोड़ सार्वजनिक वाहन की तरफ बढ़ेंगे। वहीं उनके मुताबिक इस पर शोध के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का शिक्षा केंद्र बनाए जाने की भी जरूरत है।
जल्द लागू होगा राष्ट्रीय मोबिलिटी कार्ड
वहीं उनके मुताबिक राष्ट्रीय मोबिलिटी कार्ड के लागू होने की भी बेहद जरूरत है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि अगले साल दिसंबर तक इस कार्ड को भी लागू कर दिया जाएगा। फिलहाल ये सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ही लागू किया गया है। अधिकारी के अनुसार दिल्ली सरकार, नगर निगम और डीएमआरसी तीनों को एक साथ बैठकर ही कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर विचार करना होगा।
बता दें कि दिल्ली मेट्रो के विस्तार भी तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए फेज चार में 64 किमी के तीन मेट्रो कॉरिडोर भी तैयार किए जा रहे हैं। मेट्रो की कमाई पर महामारी का भी काफी बुरा असर पड़ा है। अब भी मेट्रो 78% क्षमता के साथ ही चलाई जा रही हैं।