शायद ही कोई होगा जो गुलशन कुमार को नहीं जानता होगा। गुलशन कुमार ने अपने गानों से सभी के दिलों में अपनी अलग जगह बनाई है। आज भी उनकी भेटों के बिना कोई भी धार्मिक काम अधूरा सा ही लगता है। काफी संघर्ष के बाद ही गुलशन ने इस सफलता को हासिल किया था। हालांकि ये बात और है कि संगीत का बादशाह बनने के बाद उनका अंत काफी खतरनाक था।
हाल ही में गुलशन की बर्थ एनिवर्सरी भी थी। बताया जाता है कि गुलशन के पिता जूस की दुकान चलाते थे और इसी दुकान पर गुलशन भी काम किया करते थे। वहीं इसके बाद ही धीरे धीरे गुलशन ने अपने करियर को शुरू किया था और देखते ही देखते वे संगीत के बादशाह बन गए। बता दें कि जूस की दुकान पर काम करने के दौरान ही गुलशन ने अपनी कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड करके बेचना भी शुरू कर दिया था।
इसके बाद गुलशन ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी को भी बनाया जो गानों की सुपरहिट कंपनी बनी। वहीं इसके बाद तो गुलशन को भी कैसेट किंग के नाम से जाना जाने लगा। गुलशन ने नोएडा में अपनी प्रॉडक्शन कंपनी को भी शुरू किया और उसमें कई फिल्मों को भी बनाया। आशिक़ी और लाल दुपट्टा मलमल का जैसी कई फिल्में रिलीज़ हुई जिससे गुलशन को काफी पहचान भी मिली।
महज 10 सालों के अंदर ही गुलशन ने टी सिरीज़ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था। उनका कारोबार भी 350 मिलियन तक पहुँच गया था। गुलशन ने अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम और कुमार सानू जैसी गायकों को भी लॉंच किया था। वहीं गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भी बड़े भक्त थे। वे अपने पैसों को अच्छे कामों के लिए भी लगाया करते थे। उन्होंने कई जगहों पर भंडारा भी करवाए।
गुलशन को वैष्णो देवी की भेटों को गाने के लिए भी जाना जाता है। लेकिन गुलशन का अंत काफी दर्दनाक था। बताया जाता है कि गुलशन ने अंडरवर्ल्ड से दुश्मनी मोल ले ली थी। जिसके बाद 12 अगस्त 1997 में गुलशन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक साथ 16 गोलियां मारी गई थी। अब उनकी कंपनी टी सिरीज़ को भी उनका बेटा संभाल रहा है। वहीं गुलशन कुमार को उनके कामों के लिए कभी भुला नहीं जा सकता है।