नई दिल्ली: नई दिल्ली से रोहतक की दूरी ढाई से तीन घंटे की है। ट्रेन से दिल्ली से रोहतक जाने में सवा दो घंटे से ढाई घंटे तक का समय लग जाता है, लेकिन अगर हम कहे कि यह दूरी कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाएगी तो कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा, लेकिन यह बिल्कुल सच बात है। रैपिड ट्रेन की रफ्तार के आगे यह दूरी पूरी तरह से सिमट कर रह जाएगी। दिल्ली से वाया बहादुरगढ़ व सापला से रोहतक के बीच रैपिड रेल कोरिडोर बनाया जा रहा है। इस रेल कोरिडोर के तैयार होने के बार रैपिड रेल अपनी तेज रफ्तार से दौडऩे लगेगी।
मिलेगी प्लेन जैसी सुविधाएं
अधिकतर लोग जब कम समय में लंबी दूरी तय करनी होती है तो प्लेन का सहारा लेते है। प्लेन में उनको कई अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलती है। यह सभी सुविधाएं रैपिड रेल में भी मिलेगी। दिल्ली से रोहतक तक की दूरी कुछ ही समय में पूरी हो जाएगी। रैपिड रेल कॉरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बननी शुरू हो गई है। डीपीआर में ट्रेनों की संख्या, यात्रियों की संख्या, स्टेशनों की संख्या सहित कई अन्य चीजे तय की जाएगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद हरियाणा सरकार से रिपोर्ट मांगी जाएगी। सांसद अरविंद शर्मा की ओर से रेल कॉरिडोर के लिए डीपीआर बनाने की मांग की गई थी। NCRTC ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है
आरामदायक होगा रैपिड रेल का सफर
एनसीआर में केंद्र सरकार पहली बार अपना क्षेत्रीय रेपिड रेल सिस्टम लागू कर रही है। इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर और औसत रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह रेल सिस्टम चालू होने के बाद सबसे आरामदायक और सुरक्षित सफर होगा। केंद्र सरकार आरआरटीएस से लिंक करने के लिए आठ रेल कॉरिडोर को चिन्हित किया है। जिसमें पहले चरण में दिल्ली से मेरठ, दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत है। इन तीनों कॉरिडोर पर काम किया जा रहा है। कॉरिडोर में प्रत्येक पांच मिनट पर ट्रेन उपलब्ध रहेगी। ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 180 किलोमीटर और न्यूनतम रफ्तार 160 किलोमीटर होगी।
खराब मौसम का नहीं पड़ेगा प्रभाव
खराब मौसम के कारण ट्रेन रद्द हो जाती है। लेकिन इस ट्रेन पर खराब मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और लोगों में सार्वजनिक परिवहन को लेकर दिलचस्पी बढ़ेगी। यह ट्रेन एक बार में 70 से 80 हजार लोगों को ले जाने में सक्षम होगी। ऐसे में दूसरी ट्रेनों पर भार कम होगा। लोगों को भी जल्द अपनी मंजिल मिल जाएगी। Bप्रत्येक गाड़ी मेंं बिजनेस क्लास की सुविधा होगी। रेल किराए में लोगों को प्लेन जैसी सुविधाएं मिल सकेगी। सडक़ों पर वाहनों की अधिकता से प्रदूषण बढ़ रहा है। इस ट्रेन के चलने से सडक़ों पर वाहनों का भी बोझ कम होगा। जिसका असर प्रदूषण पर भी पड़ेगा।