Delhi: देश में जब भी मसालों की बात आती है तो एमडीएच का नाम सबसे पहले लिया जाता है। मसालों की इस ब्रांड में पूरे देश में अपना अलग नाम बनाया है। आज भी लोग इसी ब्रांड के मसालों को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं आपको बता दें कि इस ब्रांड के विज्ञापन भी काफी फेमस हुए जिसमें एक दादा जी नज़र आते थे। ये कोई और नहीं बल्कि कंपनी के संस्थापक धर्मपाल जी थे।
हालांकि अब धर्मपाल जी इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन अब इस ब्रांड के विज्ञापनों में कोई और दादा जी नज़र आ रहे हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि अकाहीर एमडीएच के नये विज्ञापनों में नये दादा जी कौन हैं? आज हम आपको इन्हीं नये दादाजी के बारे में बताने जा रहे हैं। वहीं इसी के साथ आज हम आपको इसी ब्रांड कि दिलचस्प कहानी भी बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं
आखिर कौन हैं विज्ञापन में दिखने वाले नये दादा जी
एमडीएच कंपनी भारत की जानी मानी कंपनी है। हर कोई इस कंपनी के मसाले खाना ही पसंद करता है। वहीं इस कंपनी के मसालों पर ग्राहकों का पूरा विश्वास भी है। इस कंपनी के मसालों से ज्यादा इसके विज्ञापन भी फेमस हुए थे। इन विज्ञापनों को हर किसी ने काफी पसंद भी किया। वहीं विज्ञापनों में एक दादा जी भी नज़र आते थे जिनका रुतबा हर किसी को पसंद आता था। ये दादा जी कोई और नहीं बल्कि कंपनी के संस्थापक धर्मपाल गुलाटी थे।
धर्मपाल जी ने अपने पिता के साथ मिलकर ही इस ब्रांड की नींव रखी थी। हालांकि धर्मपाल जी 2020 में दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। वहीं अब इस कंपनी को धर्मपाल जी के बेटे राजीव गुलाटी चला रहे हैं। वहीं अब कंपनी के विज्ञापनों में नये दादा जी भी नज़र आ रहे हैं। तो बता दें कि ये दादा जी कोई और नहीं बल्कि राजीव गुलाटी ही हैं। नये दादा जी भी अब ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं। पिता के जाने के बाद राजीव ने ही इस कंपनी की बागडोर को संभाल लिया है।
“We are committed to take the legacy forward with all our heart”
Sh. Rajeev Gulati
Chairman
MDH Pvt. Ltd.#MDHspices #MDHmasale pic.twitter.com/4AJeBZONaG— MDH Spices Official (@SpicesMdh) March 22, 2022
कंपनी को बेचने की उड़ी थी अफवाह
हम जानते हैं कि आज जब कंपनी बड़े स्तर पर पहुँच जाती है तो उससे जुड़ी कई खबर भी आए दिन वायरल होती ही रहती हैं। वहीं इसमें कुछ खबर सच्ची होती हैं तो कुछ अफवाह भी होती हैं। वहीं एमडीएच से जुड़ी एक अफवाह भी हाल ही में वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि ये कंपनी अब बिकने वाली है। बताया गया था कि इस कंपनी को बेचा जा सकता है।
लेकिन तभी कंपनी के चेयरमैन राजीव गुलाटी ने इस बारे में पूरी दुनिया को बताया। इसके लिए राजीव ने एक पोस्ट भी साझा किया था जिसमें उन्होंने बताया कि ये सब अफवाह हैं। राजीव ने कहा था कि ये खबर झूठ और निराधार है। राजीव के मुताबिक एमडीएच कंपनी एक विरासत है जिसे श्री चुन्नी लाल और धर्मपाल जी ने खड़ा किया है और वे इस कंपनी को आगे ले जाने के लिए वचनबद्ध हैं।
ऐसा शुरू हुआ था इस कंपनी का सफर
बता दें कि इस ब्रांड के शुरू होने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। सियालकोट में जन्मे धर्मपाल जी ने 5वीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई करना छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने पिता का हाथ बटाना शुरू किया। वहीं इसके बाद ही धर्मपाल जी ने ही मिर्च मसालों के बिज़नस को शुरू किया था। इस बिज़नस को एक छोटे से खोखे से शुरू किया गया था। देखते ही देखते एमडीएच अब मिर्च मसालों की ब्रांड बन गई और लोगों को भी इसका खूब प्यार मिलने लगा।
हालांकि इस कंपनी को 1919 में चुन्नीलाल पहले ही शुरू कर चुके थे और वे इसके लिए छोटी सी दुकान चलाते थे लेकिन इस बिज़नस को ब्रांड के तौर पर पहचान धर्मपाल जी ने ही दिलाई है। कुछ समय बाद लोग उन्हें देगी मिर्च वालों के नाम से भी जानने लगे थे। हालांकि इसके कुछ स्माय बाद देश का विभाजन हुआ और वे दिल्ली आ गए। इस दौरान उन्हें भी तंगहाली का सामना भी करना पड़ा था।
तांगा चलाकर चलाया गुजारा
बताया जाता है कि जब वे दिल्ली आए तो उन्हें मजबूरी में 650 रुपए में तांगा लेना पड़ा। ऐसे में वे न्यू दिल्ली स्टेशन से कुतुब मीनार रोड तक तांगा चलाते थे। इसके बाद उन्होंने करोलबाग में ही दुकान को शुरू किया और नाम दिया महाशियां दी हट्टी। बस इसके बाद तो ये बिज़नस ऊपर ही जाता गया और आज अपनी अलग पहचान बना चुका है। सिर्फ देश में ही नहीं विदेशो में भी ब्रांड के मसालों को पसंद किया जा रहा है। लेकिन ये सब उनकी मेहनत का ही नतीजा है।