नई दिल्ली: देश में पहली बार एक ऐसा इतिहास बनने जा रहा है, जो शायद आज तक कभी नहीं हुआ। दिल्ली एनसीआर के प्रमुख शहर नोएडा में एक 32 मंजिला ईमारत को जमीन में मिला दिया जाएगा। यानि कि इस ईमारत को पूरी तरह से गिरा दिया जाएगा। देश में यह पहली बार होने जा रहा है, जब 32 मंजिल की किसी ईमारत को तोड़ा जाना है। इस ईमारत को गिराने के लिए जहां दक्षिण अफ्रीका की कंपनी को कांटे्रक्ट दिया गया है, वहीं हरियाणा के पलवल शहर से विस्फोटक मंगाया गया है। नोएडा से विशेष पुलिस दस्ता हरियाणा के पलवल शहर से बिल्डिंग को गिराने में प्रयोग होने वाला विस्फोटक पदार्थ बारूद लाएगा। बता दें कि इस 32 मंजिला ईमारत को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है। इस बिल्डिंग को गिराने के लिए दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डेमोलिशन को कांट्रेक्ट दिया गया है। सुपरटेक कंपनी द्वारा नोएडा में बनाई गई 103 मीटर ऊंची बिल्डिंग को मात्र 9 सैकेंड के भीतर ही गिराया जाना है, जोकि अपने आप में एक इतिहास होगा।
नोएडा के सैक्टर 93ए में है ये बिल्डिंग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सैक्टर 93 ए में बनी 32 मंजिला ईमारत को गिराने की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। इसके लिए प्रशासन और बिल्डर के स्तर पर ड्राई रन तक किया जा रहा है, ताकि जब इस ईमारत को गिराया जाए, तब किसी प्रकार की परेशानी सामने नहीं आनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर द्वारा अवैध तरीके से बनाई इस ईमारत को गिराने के आदेश जारी किए हैं। अदालत के आदेशों के बाद प्रशासन ने अपनी निगरानी में इस काम को अंजाम देने की योजना बना ली है। इसके लिए पलवल से 5 किलो बारूद मंगाया जा रहा है। इस ईमारत को गिराने से पहले प्रशासन ने जो योजना तैयार की है, उसके अनुसार हरियाणा से मंगाए गए बारूद के सहयोग से पहले 13 वीं मंजिल के एक कॉलम और बेसमेंट में 5 कॉलम में धमाके किए जाएंगे। इस कार्य से पहले प्रात: 8 से शाम को 4 बजे तक टविन टॉवर के सामने वाली सडक़ को पूरी तरह से सुरक्षा के मददेनजर बंद कर दिया जाएगा। वहीं आसपास जितनी भी सोसायटी हैं, उनमें रहने वाले लोगों को हिदायत जारी की गई है कि जिस समय बिल्डिंग में विस्फोट होगा, उससे 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद कोई भी शख्स सोसायटी से बाहर नहीं निकलेगा और उन्हें अपने घरों की खिडक़ी के पास ना आने की भी सलाह दी गई है।
खर्च होंगे 18 करोड़ रुपए
इस प्रोजेक्ट से संबंधित एक अधिकारी मयूर मेहता ने बताया कि 32 मंजिल की ईमारत पहली बार देश में गिरेगी। इससे पहले इतनी बड़ी ईमारत को नहीं गिराया गया है। यह काम अफ्रीका की जेट डेमोलिशन कंपनी को दिया गया है, यह कंपनी अफ्रीका में 108 मीटर ऊंची ईमारत को गिराने का अनुभव रखती है। इससे पहले भारत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही कोच्चि मेें 60 मीटर ऊंची ईमारत को गिराया जा चुका है, जबकि नोएडा में सुपरटेक कंपनी की यह बिल्डिंग 103 मीटर ऊंची है। बता दें कि इस ईमारत को गिराने का खर्च करीब 18 करोड़ रुपए होगा और वहां से 25 से 30 टन मलबा निकलने की संभावना है। इस कार्य को शुरू करने से पहले सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के घरों को खाली करवा दिया जाएगा तथा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को करीब आधे से एक घंटे के लिए बंद करवा दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं आदेश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टविन टावर को गिराने की याचिका पर सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किए थे। इस टावर के साथ ही स्थित एमरल्ड कोर्ट सोसायटी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह ने बताया कि सुपरटेक बिल्डर को टविन टावर में केवल 23 फ्लैट बनाने की अनुमति थी, मगर उन्होंने तमाम कायदे कानूनों की अवेहलना करते हुए वहां 700 फ्लैट खड़े कर दिए। इस संदर्भ में आरडब्ल्यूए ने बिल्डर से लेकर नोएडा प्राधिकरण से अवैध टावर रोकने की अपील की। मगर किसी ने भी इस पर कार्रवाई नहीं की, तब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अदालत ने सभी का पक्ष सुनने के बाद ही इस ईमारत को तोडऩे का आदेश जारी किया है। उनकी सोसायटी टविन टावर से महज 9 मीटर दूर है और लोगों में डर व्याप्त है कि कहीं इस तोडफ़ोड़ के दौरान उनकी बिल्डिंग को नुक्सान ना पहुंचे।
9 सैकेंड में गिरेगी ईमारत
वहीं दूसरी ओर टावर गिराने वाली कंपनी ने आश्वासन दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होगा और घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें इस काम को करने का अच्छे से अनुभव है। बताया गया है कि टविन टावर को 22 मई के दिन जमीन में मिला दिया जाएगा। इसके लिए महज 9 सैकेंड का समय लगने का अनुमान भी जताया जा रहा है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस ईमारत को गिराने के अवसर पर धूल का गुब्बार और कंपन रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। आसपास मलबा ना फैले इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। तमाम कोशिशों को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए आसपास के घरों को खाली करवा लिया जाएगा।