New Delhi: बॉलीवुड में कई फ़िल्मकार को उनके हुनर से ही पहचान मिली है। इन्हीं फिल्मकारों में से एक हैं प्रकाश झा। प्रकाश झा बॉलीवुड के मशहूर फ़िल्मकारों में से हैं। उन्होंने हिन्दी सिनेमा में कई सुपरहिट फिल्मों को दिया है। आज प्रकाश अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। लेकिन एक फ़िल्मकर के तौर पर भी प्रकाश का सफर आसान नहीं था। इस रास्ते में उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया है और सफलता पाने के लिए कडा संघर्ष भी किया है।
ऐसा रहा प्रकाश का शुरुआती जीवन
प्रकाश का जन्म 24 फरवरी 1952 को बिहार के चंपारण में हुआ था। प्रकाश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई को सैनिक स्कूल से पूरा किया था। वहीं इसके बाद वे केंद्रीय विद्यालय बोकारों में पढ़ाई के लिए चले गए। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रकाश ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई को पूरा किया। इसी दौरान उन्हें धर्म फिल्म की शूटिंग देखने का अवसर मिला था जिसके बाद से ही उन्होंने फ़िल्मकार बनने का फैसला किया। 1973 में प्रकाश ने एफ़टीआईआई में दाखिला भी ले लिया था।
फुटपाथ पर गुजारनी पड़ी रातें
दरअसल प्रकाश ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनके पास किराया देने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। उस वक्त उनके पास सिर्फ 300 रूपये और एक कैमरा था जिसके साथ उन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया था। वहीं उन्हें जुहू के फुटपाथ नफ़र रातें गुजारनी पड़ी थी। अपने माता पिता के साथ भी प्रकाश ने 5 साल तक बातचीत नहीं की थी।
डॉक्यूमेंटरी से की फिल्मकार करियर की शुरुआत
बता दें कि प्रकाश ने एक फ़िल्मकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत डॉक्यूमेंटरी से ही की थी। उन्होंने सबसे पहले “अंडर से ब्लू” को बनाया था। करीब 8 साल तक प्रकाश ने इसी क्षेत्र में काम किया। इसके बाद प्रकाश ने फिल्म हिप हिप हुर्रे में बतौर निर्देशक काम किया। वहीं इसके बाद 2010 में प्रकाश ने फिल्म राजनीति को बनाया जिसने उन्हें खूब पहचान दिलाई।
इसके बाद प्रकाश ने आरक्षण फिल्म को भी बनाया था जो विवादों का भी हिस्सा रही थी। इसके बाद प्रकाश ने सत्याग्रह, आश्रम जैसी कई फिल्मों को बनाया। इन फिल्मों को दर्शकों द्वारा भी खूब पसंद किया गया था। आज प्रकाश को सफल फ़िल्मकार के तौर पर जाना जाता है।