अमिताभ (amitabh ) और जया बच्चन (jaya bachchan )दोनों ने राजनीति में हाथ आजमाया। लेकिन अमिताभ जया बच्चन की तरह राजनीति में उतनी लंबी पारी नहीं खेल पाए।
जया बच्चन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा (rajya sabha ) की सदस्य रही। राज्यसभा में उनके कई भाषण कई बार चर्चा का विषय बने तो कई बार विवादों में भी आए। कहा जाता है कि अमिताभ को जया बच्चन का राजनीति में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था।
अमर सिंह को दी थी चेतावनी
जया बच्चन को समाजवादी पार्टी में लाने वाले अमर सिंह (amar singh ) थे। जब अमिताभ बच्चन को इस बात की जानकारी मिली कि जया समाजवादी पार्टी ज्वाइंन कर रही है तो उन्होंने अमर सिंह को चेताते हुए कहा कि जया अपनी बात पर कभी भी कायम नहीं रहती है। आप सोच समझकर निर्णय ले।
अमर सिंह ने किया था यह रहस्य उजागर
अमर सिंह ने एक इंटरव्यू (interview ) के दौरान खुद इस रहस्य को उजागर किया था। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जया कभी भी अपनी बात पर कायम नहीं रहती है। वह जया बच्चन के राजनीति में जाने के पक्षधर नहीं थे।
राजनीतिक पत्रकार थे जया के पिता
अमर सिंह ने जया बच्चन को मुलायम सिंह यादव (mulayam singh yadav )से मिलवाया था। जब मुलायम सिंह यादव ने जया को राज्यसभा के लिए नामित किया था। जया ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके लिए सभी बाते साधारण थी। राजनीति उनके लिए कोई नई चीज नहीं थी। क्योंकि उनके पिता भी राजनीतिक पत्रकार थे। ऐसे में वह राजनीतिक बातों से घिरी रहती थी।
अमिताभ का भी काम संभालती थी जया
जब अमिताभ सांसद थे तो जया अमिताभ के आफिस में भी जया करती थी। उनके काम को भी संभालती थी। तभी से जया की राजनीतिक समझ बढऩे लगी। उन्हें यह भी आभास हो गया था कि किस तरह जनता से जुड़ा जाता है।