दरअसल हाल ही में मध्यप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर किसानों को ब्याज मुक्त कृषि कर्ज़ देना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि किसानों पर लोन का बोझ कम हो। लेकिन ऐसा ही कुछ वादा केंद्र सरकार ने भी किया था जिसे वे अब तक पूरा नहीं कर पाई है। हालांकि अब चुनावी तारीखों का ऐलान हो चुका है और जल्द ही बजट भी आने वाला है।
ऐसे में किसान इस बात की उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार इस बार किसानों से वोट पाने के लिए ऐसा कुछ कर सकती है। माना जाता है कि इस बार कृषि कर्ज़ देने का टारगेट 16.5 लाख करोड़ से बढ़कर 18 या 20 लाख करोड़ रूपये भी हो सकता है। वहीं केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड में लगने वाली फीस को हटा चुकी है।
BJP ने किया था वादा
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनावों में BJP सरकार ने 1 लाख रूपये तक का लोन बिना ब्याज के देने का वादा किया था। इसमें 1-5 वर्ष तक के लिए सरकार ने बिना ब्याज के पैसे देने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक BJP अपने इस वादे को पूरा नहीं कर पाई है। ऐसे में किसान इस वादे के पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
RKPA के अध्यक्ष ने दिया बयान
इस मामले पर राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन के अध्यक्ष बिनोद आनंद ने भी अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि जो ईमानदार किसान हैं और जिनका बैंक में लेन देन अच्छा है उन्हें इंट्रस्ट फ्री लोन दिया जाना चाहिए। साथ ही मूल धन को समय पर लौटाने का प्रावधान भी होना चाहिए। आनंद के अनुसार ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इन पैसों से किसान खेती कर रहा है या नहीं।
फिलहाल समय से पैसा लौटाने पर 4% का ब्याज किसानों को देना पड़ता है। लेकिन यदि सरकार सभी किसानों को ब्याज मुक्त कृषि कर्ज़ दे तो किसानों को काफी आसानी होगी।