पति की शहादत को दी आसमान की ऊंचाई, पत्नी भी शामिल हो गई सेना में

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हितेश ओझा
हितेश ओझा
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New Delhi : देश के रियल हीरो जो बार्डर पर तैनात होकर हर मुश्किल का सामना करते हुए देश की हिफाजत कर रहे हैं। जिन्हें अपनी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है, जो भारत के लिए हँसते हँसते अपने प्राण त्याग देते हैं, जिनका परिवार हमेशा उनके आने का इंतज़ार करता है लेकिन कब क्या हो जाए उसका किसी को नहीं पता।

आज हम आपको एक ऐसे ही शहीद के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने देश के लिए प्राणों का त्याग कर दिया। जिसके पार्थिव शरीर को देखकर उसकी नन्ही बेटी के आँखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। लेकिन देश प्रेम ऐसा कि उसी दिन उस शहीद की पत्नी सेना में जाने का फैसला लेती और अब उनका सपना पूरा भी हो चुका है। हम बात कर रहे है शहीद दीपक नैनवाल और उनकी पत्नी ज्योति की।

देश सेवा में त्याग दिए थे प्राण

आज हम आपको शहीद दीपक नैनवाल और उनकी पत्नी ज्योति के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योति हाल ही में अपना वादा निभाते हुए सेना में शामिल हो चुकी हैं। दीपक नैनवाल उत्तराखंड के देहारादून के हर्रावाला में सिद्धपुरम के रहने वाले हैं। 2001 में दीपक राष्ट्रीय राइफल्स के साथ जुड़ गए थे। दीपक के मन में हमेशा से देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा था। शहीद होने से पहले करीब ढाई वर्षों तक दीपक कश्मीर के अनंतनाग में भी पोस्टेड रहे थे।

2018 में दीपक की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस दौरान दीपक ने बखूबी अपना फर्ज़ निभाया। आतंकियों के कुछ देर तक दीपक ने सबक सिखाया लेकिन फिर आतंकियों ने दीपक पर गोलियां दाग दी। जिसके बाद दो गोलियां दीपक के सीधा फेफड़ों से होती हुई दिल में लगी। अब दीपक के शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। 40 दिनों तक दीपक अस्पताल में रहे लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उनका देहांत हो गया।

दीपक की शहादत के बाद उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर कर उनके घर लाया गया। लवो मंजर ऐसा था कि वहाँ खड़े हर व्यक्ति की आँखें नम हो गई। दीपक की नन्ही बेटी भी अपने पिता के आखिरी दर्शन करने वहाँ पहुंची लेकिन वे बच्ची अपने पिता को इस हालत में नहीं देख पाई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। बच्ची के रोने की आवाज़ वहाँ खड़े हरेक शख्स का दिल चीर रही थी।

अब पत्नी ने निभाया अपना देश सेवा का वादा

दीपक के अंतिम संस्कार के दौरान ही दीपक की पत्नी ज्योति ने भी देश सेवा का फैसला कर लिया। वे भी अपने पति की तरह देश सेवा करना चाहती थी और अब ज्योति ने अपना वादा पूरा किया है। हाल ही में ज्योति को सेना में अधिकारी बनाया गया है। ज्योति ने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लिया है। देश सेवा की जो शपथ ज्योति के पति दीपक ने ली थी और उसे निभाया भी अब वही शपथ ज्योति को लेते देख हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

इस दौरान ज्योति के दोनों बच्चे भी मौजूद थे। दोनों बच्चों ने भी सेना की ड्रेस पहनी हुई थी। दोनों बच्चे अपनी माँ के पासआउट होने से भी बेहद खुश हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिए ज्योति ने कड़ी मेहनत भी की थी। ज्योति को सेना में बतौर लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया है। साथ ही ज्योति ने अपने पति की रेजीमेंट का भी शुक्रिया किया क्यूंकि उन्होंने हर मुश्किल समय में ज्योति का साथ दिया।

तीन पीढ़ियाँ कर चुकी हैं देश सेवा

ज्योति के सेना में जाने से उनके परिवार वाले भी बेहद खुश हैं। जानकारी के मुताबिक दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़ियाँ देश सेवा कर चुकी हैं। दीपक के पिता चक्रधर ने भी देश सेवा की है और वे सेना से रिटायर हैं। दीपक के पिता ने 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध और कारगिल युद्ध में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वहीं दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल ने भी स्वतंत्रता संग्राम में अपनी हिस्सा लिया था।

अब दीपक का बेटा भी सेना में जाकर देश सेवा करने के साथ साथ अपने परिवार का मान बढ़ाना चाहता है। दीपक और ज्योति के दो बच्चे हैं जिसमें से बेटी का नाम लावण्या है जो चौथी कक्षा में पढ़ती है वहीं बेटे का नाम रेयांश है जो पहली कक्षा में पढ़ता है।

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